किसी भी रोग से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी होता है इस वक्त कोरोनावायरस से पूरा विश्व परेशान है हर तरह सिर्फ इस वायरस से कैसे निजात पाया जा सकता है इसको लेकर कार्य किए जा रहे है वहीं इस वायरस से निपटने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे इसके लिए काढे का इस्तेमाल किया जा रहा है इसके साथ ही इस काढ़े से सर्दी, खांसी, गले में दर्द, जैसी समस्या से भी निजात पाया जा सकता है
कोरोना (Madhya Pradesh defeats corona) को मात देने के लिए मध्यप्रदेश में सरकार (Madhyapradesh government) ने जीवन अमृत योजना (jeevan amrit yojna) शुरू की है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए काढ़े को वितरित कर रही है जिसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी साथ ही रोगो से लड़ने में मदद मिलेगी आखिर इस काढ़े से क्या फायदा हो सकता है इसे कैसे तैयार किया जा सकता है और डाइट में इसे कैसे शामिल करना है इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हमने बात की डाइटिशियन पायल परिहार से और जाना स्वास्थ के लिए कितना लाभदायक है काढ़ा |
पीपल :-
पीपल की छाल, पीपल के पत्ते इन सभी का आयुर्वेद में बहुत लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है अगर हम फायदे की बात करे तो इसके कई फायदे है जिनका आयुर्वेद में इस्तेमाल किया जाता है जैसे- पीपल का इस्तेमाल पेट के दर्द के लिए , चेहरे पर बने निशान को कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है साथ ही साथ इसके कई स्वास्थ लाभ भी हैं। पीपल में एंटीमाइक्रोबियल होते है जो हमारे शरीर के अंदर जाकर माइक्रोब्स को बढ़ाने से रोकती है।
काली-मिर्च :-
काली-मिर्च का इस्तेमाल जहां खाने के स्वाद को बढ़ाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है वहीं इसके स्वास्थ लाभ भी बहुत है काली-मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट होते है जो हमारी इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में हमारी मदद करते हैं। यह हाई एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्त्रोत है । वहीं गले में खराश की समस्या, गले में दर्द होना, टॉनसिल्स जैसी समस्या से निजात पाने के लिए काली-मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है, काली मिर्च का पाउडर सेहत के लिए फायदेमंद होता है इसलिए काढ़े में काली-मिर्च का इस्तेमाल किया गया है|
सोंठ:-
सोंठ की बात करें तो अदरक को अच्छी तरह से सूखाने पर यह सोंठ बन जाती है, सोंठ का भी इस्तेमाल इस काढ़े में किया गया हैं। इसमें भी एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल थैरेपी इसे कहा जा सकता है|